Jambheshwar Aarti (जंभेश्वर भगवान की आरती)
Jambheshwar Aarti Lyrics (जंभेश्वर भगवान की आरती) आरती कीजै गुरू जंभ जती की भगत उधारण प्राण पति की। पहली आरती […]
Jambheshwar Aarti Lyrics (जंभेश्वर भगवान की आरती) आरती कीजै गुरू जंभ जती की भगत उधारण प्राण पति की। पहली आरती […]
Surya Dev Chalisa Lyrics In Hindi ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख
श्री सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa Lyrics) Read More »
Nagnechi Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi सेवक की सुन मेरी कुल माता, हाथ जोड़ हम तेरे द्वार खड़े ।
Nagnechi Mata Ki Aarti Lyrics (नागणेची माता आरती) Read More »
Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics In HIndi आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।। जाके बल से
Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi श्री हनुमान चालीसा ॥ दोहा ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊँ
Bhairav Chalisa Lyrics In Hindi दोहा श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ। चालीसा वंदन करो श्री शिव
Shani Dev Aarti Lyrics शनि देव की आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय
Shree khatu shyam chalisa in hindi ।। दोहा ।। श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्री श्याम चालीसा भजत
Brihaspati Bhagwan Ki Aarti जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
श्री बृहस्पति भगवान आरती | Brihaspati Bhagwan Ki Aarti Read More »
Sukh Karta Dukh Harta Lyrics In Hindi !! सुख करता दुख हर्ता, वार्ता विघ्नाची ! नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
Sukh Karta Dukh Harta Lyrics | सुखकर्ता दुखहर्ता Read More »
Vishnu bhagwan ki aarti lyrics in hindi ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट, क्षण में
Shri khatu shyam aarti in hindi ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे…। खाटू धाम विराजत, अनुपम
Baba Ramdev Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया। घर अजमल अवतार लियो |
Baba Ramdev Ji Ki Aarti { श्री बाबा रामदेवजी की आरती } Read More »
Gayatri Mantra Lyrics In Hindi ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् !! Gayatri Mantra Lyrics
Pashupati Ashtakam Lyrics In Hindi ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतसं रत्नाकल्पोज्ज्वलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् । पद्मासीनं समन्तात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्वबीजं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं