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मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो

    मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो

    मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !

    सूरत तुम्हारी देखकर सलोनी सांवरी,
    सुनकर तुम्हारी बांसुरी मैं हो गयी बांवली,
    माखन चुराने वाले दिल चुराया ना करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !

    माथे मुकुट गल माल कटी में काछनी सोहे,
    कानो में कुण्डल झूम के मन मेरे को मोहे,
    इस चन्द्रमा के रूप से लुभाया न करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !

    अपनी यशोदा मात की सौगंध है तुमको,
    यमुना नदी की तीर पर तुम न मिलो हमको,
    इस बांसुरी की तान पे बिलखाया ना करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !

    ऐसी तुम्हारी बांसुरी ने मोहनी डारी,
    चन्द्रसखी की विनती तुम सुनलो बनवारी,
    दर्शन देने में सांवरे अब देर ना करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !

    मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो,
    जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो !