Jambheshwar Aarti Lyrics (जंभेश्वर भगवान की आरती)
आरती कीजै गुरू जंभ जती की
भगत उधारण प्राण पति की।
पहली आरती लोहट घर आये,
बिना बादल प्रभू इंडिया झूरायै ।।
दूसरी आरती पीपासर आये,
दूदाजी ने प्रभू परचौ दिखायै ।।
तीसरी आरती समराथल आये,
पुलाजी ने प्रभु सुरग दिखायै ।।
चौथी आरती अनवी निवायै,
भूत लोक प्रभुपाद कहवायै ।।
पांचवी आरती ऊधोजक गावै,
वास बैंकुठं अमर पद पावै ।