मेरी लगी श्याम संग प्रीत | Meri lagi shyam sang preet lyrics

meri lagi shyam sang preet lyrics

मेरी लगी श्याम संग प्रीत !
ये दुनिया क्या जाने !
मुझे मिल गया मन का मीत !
ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने !
मेरी लगी श्याम संग प्रीत !
ये दुनिया क्या जाने !
मुझे मिल गया मन का मीत !
ये दुनिया क्या जाने…!!

छवि लगी मन श्याम की जब से !
भई बावरी मैं तो तब से !
बाँधी प्रेम की डोर मोहन से !
नाता तोड़ा मैंने जग से !
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने !
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

मोहन की सुन्दर सूरतिया !
मन में बस गयी मोहनी मूरतिया !
जब से ओढ़ी शाम चुनरिया !
लोग कहे मैं तो भई बावरिया !
मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

हर दम अब तो रहूँ मस्तानी !
लोक लाज दीनी बिसरानी !
रूप राशि अंग अंग समानी !
हे रत हे रत रहूँ दीवानी !
मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

मोहन ने ऐसी बंसी बजायी !
सब ने अपनी सुध बिसरायी !
गोप गोपिया भागी आई !
लोक लाज कुछ काम न आई !
फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

भूल गयी कही आना जाना !
जग सारा लागे बेगाना !
अब तो केवल शाम सुहाना !
रूठ जाये तो उन्हें मनाना !
अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

हम प्रेम नगर की बंजारन !
जप तप और साधन क्या जाने !
हम शाम के नाम की दीवानी !
नित नेम के बंधन क्या जाने !
हम बृज की भोली गंवारनिया !
ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने !
ये प्रेम की बाते है उद्धव !
कोई क्या समझे कोई क्या जाने !
मेरे और मोहन की बातें !
या मै जानू या वो जाने !
क्या जाने कोई क्या जाने…!!

शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन !
आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं !
शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए !
आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है !
शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति !
शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं !
उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े !
हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है !

क्या जाने कोई क्या जाने !
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने…!!

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